Tuesday, 25 August 2015

घर के आँगन में तीन खाली पात्र रखे थे | एक सुराही एक मटका और एक परात , रात भर बारिश  हुई , सुराही पर जो पानी गिरा कुछ उसने ग्रहण किया पर अधिकांश बाहरी सतहों से बहा दिया, मटके के कुछ अधिक ग्रहण किया , परात ने एक एक बूँद आत्मसात कर ली | सभी पत्रों पर बारिश  सामान हुई पर सुबह पानी की मात्रा तीनो में अलग-अलग थी| आप के लिए भी ज्ञान और अवसर समान रूप से उपलब्ध है यह आप पर है कि आप कितना ग्रहण करते है 

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