दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई इलाके
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में आते हैं. सिस्मिक जोन 5 (पांच) भूकंप के लिहाज
से देश का सबसे खतरनाक इलाका है.
सिस्मिक जोन 5 (पांच)
सिस्मिक जोन 5 (फाइव) का मतलब है यहां आठ की तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आ सकता है. इस जोन
में देश का पूरा नॉर्थ ईस्ट इलाका, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और
उत्तरांचल के इलाके, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप शामिल है.
सिस्मिक जोन 4 (चार)
सिस्मिक जोन 4 (चार) भी भूकंप के लिहाज से काफी खतरनाक माना जाता है. यहां सात से 7.9 तीव्रता तक भूकंप आ सकते हैं. इस जोन में राजधानी दिल्ली, एनसीआर के इलाके, जम्मू कश्मीर और
हिमाचल प्रदेश के इलाके, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका, गुजरात का कुछ हिस्सा
और पश्चिम तट से सटा महाराष्ट्र और राजस्थान का इलाका आता है.
सिस्मिक जोन 3 (तीन)
जोन 3 (तीन) को भूकंप के लिहाज से मध्यम खतरे वाला माना जाता है. इस जोन में
केरल, गोवा, लक्षदीप, यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के बचे हुए इलाके, पंजाब, रास्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक
के इलाके आते हैं.
सिस्मिक जोन 2 (दो)
देश की बाकी जगहें सिस्मिक जोन 2 (दो) में आते हैं. ये भूकंप के लिहाज से कम
खतरनाक है. यहां 4.9 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आने का खतरा नहीं है. यानी भूकंप के
लिहाज से देश का कोई हिस्सा सुरक्षित नहीं है. इसलिए भूकंप के खतरे को हल्के में
लेना बुद्धिमानी नहीं होगी.
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