Tuesday 4 February 2020

Introduction: definition of soil mechanics


प्रस्तावना: मृदा     यांत्रिकी  सिविल इंजीनियरिंग की नवीनतम  शाखाओं में से एक है  | अलग अलग संकायों में मृदा को अलग अलग रूप में परिभाषित किया गया है| जैसे कृषि विज्ञान में वनस्पति जीवन को सहायता करने वाली भूमि सतह पर पाए जाने वाला पदार्थ मृदा  है| एक   भू वैज्ञानिक के लिए यह अधिकांश भू पर्पटी को ढकने  वाला पदार्थ  है जिसमें अलग अलग आकर के कण पाए जाते

मृदा : भारतीय मानक 2809 के अनुसार मृदा असंघनित तथा  ढीले कणों से बनाने  वाला पदार्थ है  जो  चट्टानों  के भौतिक तथा रासायनिक अपक्षय के कारण बनाते है  , इस में कर्वानिक पदार्थ हो भी सकते है और नहीं भी
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मृदा यांत्रिकी: मृदा यांत्रिकी इंजीनियरिंग की वह शाखा  है जिसमें  मृदा  के विभिन्न गुणों एवं  व्यवहार का अध्ययन किया जाता है , इसमें यांत्रिकी एवं द्रव इंजीनियरिंग  के  नियमों तथा सिद्धांतों का प्रयोग कर मृदा  से संबंधित  समस्याओं का समाधान किया जाता है

टरजगी ( १९४८) के अनुसार  तलछट या अन्य ठोस कणों के असंघनित जमाव जो चट्टानों के  यांत्रिक या रासायनिक विखंडन या बिखराओ से बने है  ,चाहे उनमें कर्वानिक पदार्थ हो या न हो से सम्बन्धित इंजीनियरिंग   की समस्याओं के  समाधान हेतु यांत्रिकी एवं द्रव इंजीनियरिंग के नियमो प्रयोग करना ही मृदा यांत्रिकी है-------------

Soil Mechanics is the application of the laws of mechanics and hydraulics to engineering problems dealing with sediments and other unconsolidated accumulations of solid particles produced by chemical and mechanical disintegration of rocks regardless of whether or not they contain an admixture of organic constituents.


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