Thursday 29 August 2024

Topic -1 : GE: चट्टान की परिभाषा, प्रकार ,एवं उपयोग

 

चट्टान की परिभाषा

चट्टान (Rock) एक प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली ठोस सामग्री है, जो एक या एक से अधिक खनिजों (minerals) या खनिजकणों (mineraloids) से मिलकर बनी होती है। चट्टानें पृथ्वी की पपड़ी (crust) की बुनियादी संरचना हैं और विभिन्न रूपों, आकारों और आकार-प्रकारों में पाई जाती हैं। इन्हें उनकी खनिज संरचना, बनावट, और निर्माण प्रक्रिया के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। चट्टानों का अध्ययन पृथ्वी की संरचना को समझने के लिए महत्वपूर्ण है और इन्हें विभिन्न इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

चट्टानों के प्रकार

चट्टानों को उनकी निर्माण प्रक्रिया के आधार पर मुख्य रूप से तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:

  1. आग्नेय चट्टानें (Igneous Rocks): पिघले हुए मैग्मा या लावा के ठंडा होकर ठोस बनने से निर्मित होती हैं। आग्नेय चट्टानों की बनावट क्रिस्टलीय (crystalline) होती है और ये या तो पृथ्वी की सतह के नीचे (अंतर्वेधीय या intrusive) या ऊपर (उद्गमीय या extrusive) पाई जाती हैं।

    • उदाहरण: ग्रेनाइट (Granite), बेसाल्ट (Basalt), डायराइट (Diorite), गैब्रोज (Gabbro)।
    • निर्माण प्रक्रिया: आग्नेय चट्टानें तब बनती हैं जब मैग्मा ठंडा होकर ठोस होता है। यदि ठंडा होने की प्रक्रिया पृथ्वी की सतह के नीचे होती है, तो अंतर्वेधीय चट्टानें जैसे ग्रेनाइट बनती हैं। यदि यह सतह के ऊपर होती है, तो उद्गमीय चट्टानें जैसे बेसाल्ट बनती हैं।
  2. अवसादी चट्टानें (Sedimentary Rocks): खनिज और जैविक कणों के संचयन, संपीड़न और सिमेंटेशन से समय के साथ बनती हैं। अवसादी चट्टानों में अक्सर परतें (strata) होती हैं और इनमें जीवाश्म (fossils) भी हो सकते हैं।

    • उदाहरण: बलुआ पत्थर (Sandstone), चूना पत्थर (Limestone), शेल (Shale), कंकड़ पत्थर (Conglomerate)।
    • निर्माण प्रक्रिया: अवसादी चट्टानें तब बनती हैं जब पृथ्वी की सतह पर या जल निकायों के भीतर जमा सामग्री का संचयन होता है। समय के साथ, ये अवसाद ठोस चट्टानों में बदल जाते हैं।
  3. रूपांतरित चट्टानें (Metamorphic Rocks): मौजूदा चट्टानों (आग्नेय, अवसादी, या अन्य रूपांतरित चट्टानें) के उच्च दबाव और तापमान की स्थितियों में बिना पिघले हुए रूपांतरण से बनती हैं।

    • उदाहरण: संगमरमर (Marble), स्लेट (Slate), शिस्ट (Schist), गनीस (Gneiss)।
    • निर्माण प्रक्रिया: रूपांतरित चट्टानें तब बनती हैं जब मौजूदा चट्टानों को उच्च तापमान और दबाव में रखा जाता है, जिससे उनमें भौतिक और रासायनिक परिवर्तन होते हैं। यह प्रक्रिया पिघलने के बिना होती है लेकिन परिणामस्वरूप एक घनी और अधिक सघन चट्टान बनती है।

सिविल इंजीनियरिंग में चट्टानों का उपयोग

सिविल इंजीनियरिंग में उनकी मजबूती, टिकाऊपन और बहुमुखी प्रतिभा के कारण चट्टानों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। यहाँ सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की चट्टानों के कुछ सामान्य उपयोग दिए गए हैं:

  1. आग्नेय चट्टानें (Igneous Rocks):

    • ग्रेनाइट (Granite): इसकी कठोरता और सौंदर्य की अपील के कारण निर्माण कार्यों में भवन के मुखौटे, स्मारकों, और फर्श के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
    • बेसाल्ट (Basalt): कंक्रीट में एग्रीगेट के रूप में, सड़क निर्माण में, और रेल पटरियों के लिए आधार सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है।
  2. अवसादी चट्टानें (Sedimentary Rocks):

    • चूना पत्थर (Limestone): सीमेंट उत्पादन के लिए, भवन पत्थर के रूप में, और सड़क बेस सामग्री के रूप में आमतौर पर उपयोग किया जाता है।
    • बलुआ पत्थर (Sandstone): इसकी टिकाऊपन और उपस्थिति के कारण भवन के मुखौटे, फर्श, और पक्का सामग्री के लिए सजावटी उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
    • शेल (Shale): ईंटों, टाइलों, और सीमेंट के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है।
  3. रूपांतरित चट्टानें (Metamorphic Rocks):

    • संगमरमर (Marble): इसकी सुंदरता के लिए मूल्यवान और भवन के मुखौटे, फर्श, मूर्तियों, और सजावटी उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
    • स्लेट (Slate): इसकी महीन बनावट और पतली परतों में विभाजित होने की क्षमता के कारण छत की सामग्री और फर्श टाइलों के रूप में उपयोग किया जाता है।
    • शिस्ट (Schist): कभी-कभी लैंडस्केपिंग और निर्माण में सजावटी पत्थर के रूप में उपयोग किया जाता है।

चट्टानें निर्माण उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो इमारतों, सड़कों, पुलों, और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सामग्री प्रदान करती हैं। उनकी विशेषताएँ, जैसे कि मजबूती, टिकाऊपन, और मौसम के प्रभावों के प्रति प्रतिरोध, उन्हें सिविल इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती हैं।

No comments: