Thursday, 29 August 2024

Topic -1 :GE : मृदा की उत्पत्ति का भूवैज्ञानिक चक्र (Geological Cycle of Soil Origin)

 

मृदा की उत्पत्ति का भूवैज्ञानिक चक्र (Geological Cycle of Soil Origin)

मृदा की उत्पत्ति का भूवैज्ञानिक चक्र (Geological Cycle) उन प्रक्रियाओं का वर्णन करता है जो माता-पिता की चट्टानों (parent rocks) से मृदा के निर्माण और परिवर्तन की ओर ले जाती हैं। इस चक्र में विभिन्न भौतिक और रासायनिक प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो चट्टानों को छोटे कणों में तोड़ती हैं, जो अंततः मृदा का निर्माण करती हैं। यह चक्र कई कारकों से प्रभावित होता है जैसे कि अपक्षय (weathering), अपरदन (erosion), परिवहन (transportation), निक्षेपण (deposition), और मृदा का निर्माण (soil formation)।

मृदा की उत्पत्ति के भूवैज्ञानिक चक्र में शामिल प्रक्रियाएँ

  1. अपक्षय (Weathering): चट्टानों का छोटे कणों में टूटना। अपक्षय मृदा निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया है और यह भौतिक और रासायनिक दोनों एजेंटों द्वारा होती है।

    • भौतिक अपक्षय (Physical Weathering): इसे यांत्रिक अपक्षय (mechanical weathering) भी कहा जाता है, इस प्रक्रिया में चट्टानों का टूटना उनके रासायनिक संरचना में किसी परिवर्तन के बिना होता है। भौतिक अपक्षय के मुख्य एजेंट हैं:

      • तापमान परिवर्तन (Temperature Changes): गर्मी और ठंडक की बार-बार की प्रक्रिया चट्टानों को फैलने और सिकुड़ने का कारण बनती है, जिससे दरारें बनती हैं और अंततः चट्टान टूट जाती है।
      • तुषार क्रिया (Frost Action): पानी चट्टानों की दरारों में प्रवेश करता है, जमता है, और फैलता है, जिससे चट्टान टूट जाती है। इसे फ्रीज-थॉ वेदरिंग (freeze-thaw weathering) भी कहा जाता है।
      • घर्षण (Abrasion): चट्टानों का रेत, पानी, बर्फ, और हवा जैसे चलते हुए कणों के साथ घर्षण द्वारा यांत्रिक खरोंच।
      • जैविक गतिविधि (Biological Activity): पौधों की जड़ें और जानवरों की खुदाई से चट्टानों पर दबाव पड़ता है, जिससे वे टूट जाती हैं।
    • रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering): इसमें चट्टानों और खनिजों की रासायनिक संरचना में परिवर्तन होता है। रासायनिक अपक्षय के मुख्य एजेंट हैं:

      • पानी (Water): एक विलायक के रूप में कार्य करता है, खनिजों को घोलता है और आयनों को परिवहन करता है।
      • ऑक्सीजन (Oxygen): ऑक्सीकरण का कारण बनता है, जो खनिजों के साथ ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया है (उदाहरण के लिए, लौह-असर वाले खनिजों का जंग लगना)।
      • कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide): पानी के साथ मिलकर कार्बोनिक अम्ल (carbonic acid) बनाता है, जो फेल्डस्पार जैसे खनिजों के साथ प्रतिक्रिया करता है और मृदा के खनिजों का निर्माण करता है।
      • जैविक स्रोतों से अम्ल (Acids from Biological Sources): पौधों और सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित कार्बनिक अम्ल चट्टानों में खनिजों को घोल सकते हैं।
  2. अपरदन (Erosion): प्राकृतिक एजेंटों जैसे हवा, पानी, और बर्फ द्वारा अपक्षयित चट्टान के कणों का हटना और परिवहन।

  3. परिवहन (Transportation): प्राकृतिक एजेंटों जैसे नदियों, ग्लेशियरों, हवाओं, या गुरुत्वाकर्षण द्वारा मृदा के कणों का उनके मूल स्थान से नए स्थानों तक स्थानांतरण।

  4. निक्षेपण (Deposition): परिवहन की प्रक्रिया के दौरान मृदा के कणों का नए स्थान पर जमना, जिससे अवसाद की परतें बनती हैं। ये परतें समय के साथ जमा होती हैं और अंततः मृदा का निर्माण करती हैं।

  5. मृदा का निर्माण (Soil Formation or Pedogenesis): भूवैज्ञानिक चक्र का अंतिम चरण जहाँ जमा हुए अवसाद आगे अपक्षय और जैविक सामग्री के मिश्रण से मृदा का निर्माण करते हैं। मृदा निर्माण की प्रक्रिया में विभिन्न मृदा के स्तरों (horizons) का विकास शामिल होता है, जो जलवायु, जीवों, स्थलाकृति, मूल सामग्री, और समय जैसे विभिन्न मृदा निर्माण कारकों के कारण होते हैं।

अपक्षय के लिए जिम्मेदार भौतिक और रासायनिक एजेंट

  • भौतिक एजेंट (Physical Agents):

    1. तापमान में उतार-चढ़ाव (Temperature Fluctuations): चट्टानों का विस्तार और संकुचन का कारण बनते हैं।
    2. तुषार क्रिया (Frost Action): चट्टानों में फ्रीज-थॉ चक्र का कारण बनती है।
    3. वायु अपरदन (Wind Erosion): छोटे कणों को उड़ाकर ले जाती है।
    4. जल अपरदन (Water Erosion): नदियाँ और धाराएँ चट्टान के कणों को परिवहन करती हैं।
    5. हिमनदी अपरदन (Glacial Erosion): ग्लेशियर चट्टानों को पीस कर छोटे कण बनाते हैं।
    6. जैविक गतिविधियाँ (Biological Activities): जड़ें, जानवर, और सूक्ष्मजीव चट्टानों को भौतिक रूप से तोड़ते हैं।
  • रासायनिक एजेंट (Chemical Agents):

    1. पानी (Water): खनिजों को घोलता है और आयनों को परिवहन करता है।
    2. ऑक्सीजन (Oxygen): ऑक्सीकरण और खनिजों के जंग का कारण बनता है।
    3. कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide): पानी के साथ कमजोर कार्बोनिक अम्ल (carbonic acid) बनाता है, जिससे रासायनिक प्रतिक्रियाएँ होती हैं।
    4. कार्बनिक अम्ल (Organic Acids): पौधों और सूक्ष्मजीवों द्वारा खनिजों को रासायनिक रूप से तोड़ने के लिए उत्पादित।
    5. अम्ल वर्षा (Acid Rain): प्रदूषकों जैसे सल्फर डाइऑक्साइड के साथ मिले वर्षा के पानी से सल्फ्यूरिक अम्ल (sulfuric acid) बनता है, जो अपक्षय को तेज करता है।


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