Thursday 29 August 2024

Topic 1:GE: भूविज्ञान की परिभाषा,एवं शाखाएं

भूविज्ञान की परिभाषा

भूविज्ञान (Geology) पृथ्वी का वैज्ञानिक अध्ययन है, जिसमें पृथ्वी की संरचना, संरचना, प्रक्रियाओं और इतिहास का अध्ययन शामिल है। भूविज्ञान में उन सामग्रियों का अध्ययन किया जाता है जो पृथ्वी का निर्माण करती हैं, जैसे कि चट्टानें (rocks) और खनिज (minerals), और उन प्रक्रियाओं को समझना जिनके कारण समय के साथ पृथ्वी का निर्माण हुआ है, जैसे ज्वालामुखी गतिविधि (volcanic activity), कटाव (erosion), प्लेट टेक्टोनिक्स (plate tectonics), और अवसादन (sedimentation)। भूविज्ञान पृथ्वी के इतिहास की भी खोज करता है, जिसमें इसके परिदृश्यों का विकास, इसकी विशेषताओं का निर्माण, और भूवैज्ञानिक समय के पैमानों पर जीवन का विकास शामिल है।

भूविज्ञान की शाखाएँ

भूविज्ञान एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें कई विशेष शाखाएँ शामिल हैं, प्रत्येक पृथ्वी के भौतिक गुणों, प्रक्रियाओं और इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। यहाँ भूविज्ञान की मुख्य शाखाएँ दी गई हैं:

  1. पेट्रोलॉजी (Petrology): चट्टानों का अध्ययन, उनकी उत्पत्ति, संरचना, और संरचना का अध्ययन। पेट्रोलॉजी को तीन उप-शाखाओं में विभाजित किया गया है:

    • इग्नियस पेट्रोलॉजी (Igneous Petrology): पिघले हुए मैग्मा से बनी चट्टानों का अध्ययन करती है।
    • सेडिमेंटरी पेट्रोलॉजी (Sedimentary Petrology): अवसाद के संचय से बनी चट्टानों का अध्ययन करती है।
    • मेटामॉर्फिक पेट्रोलॉजी (Metamorphic Petrology): उन चट्टानों का अध्ययन करती है जो गर्मी, दबाव, या रासायनिक रूप से सक्रिय द्रवों द्वारा परिवर्तित हुई हैं।
  2. मिनरलॉजी (Mineralogy): खनिजों का अध्ययन, जिसमें उनकी रासायनिक संरचना, क्रिस्टल संरचना, और भौतिक गुण शामिल हैं। खनिज विज्ञानी खनिजों की पहचान और वर्गीकरण करते हैं और उनके निर्माण और वितरण का अध्ययन करते हैं।

  3. संरचनात्मक भूविज्ञान (Structural Geology): पृथ्वी की पपड़ी के विकृति और इसे उत्पन्न करने वाले बलों का अध्ययन करती है। इस शाखा में चट्टानों में मौजूद फोल्ड्स, फॉल्ट्स और अन्य संरचनात्मक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है ताकि टेक्टोनिक प्रक्रियाओं को समझा जा सके।

  4. स्ट्रैटिग्राफी (Stratigraphy): चट्टान की परतों (strata) और परतबद्धता (stratification) का अध्ययन। स्ट्रैटिग्राफी का उपयोग किसी क्षेत्र के भूवैज्ञानिक इतिहास को समझने के लिए किया जाता है, जिसमें चट्टानों की सापेक्ष आयु और भूवैज्ञानिक घटनाओं का क्रम शामिल है।

  5. पैलियोन्टोलॉजी (Paleontology): जीवाश्मों (fossils) और चट्टानों में संरक्षित प्राचीन जीव रूपों का अध्ययन। पैलियोन्टोलॉजिस्ट पृथ्वी पर जीवन के इतिहास, जिसमें विकास और विलुप्ति की घटनाएँ शामिल हैं, को समझने के लिए जीवाश्मों का उपयोग करते हैं।

  6. जिओमॉर्फोलॉजी (Geomorphology): भू-आकृतियों (landforms) और पृथ्वी की सतह को आकार देने वाली प्रक्रियाओं, जैसे कटाव, अपक्षय (weathering), और निक्षेपण (deposition) का अध्ययन। जिओमॉर्फोलॉजिस्ट परिदृश्यों का विश्लेषण उनके विकास और समय के साथ होने वाले परिवर्तनों को समझने के लिए करते हैं।

  7. सेडिमेंटोलॉजी (Sedimentology): अवसादी चट्टानों (sedimentary rocks) और उनके निर्माण में शामिल प्रक्रियाओं का अध्ययन। यह शाखा अवसादी पर्यावरणों, जैसे नदियाँ, झीलें, और महासागरों, और अवसादन की प्रक्रियाओं को समझने पर ध्यान केंद्रित करती है।

  8. जियोफिजिक्स (Geophysics): पृथ्वी के आंतरिक भाग और उसके गुणों का अध्ययन करने के लिए भौतिक सिद्धांतों का अनुप्रयोग। जियोफिजिसिस्ट्स भूकंपीय तरंगों के विश्लेषण, चुंबकीय क्षेत्रों और गुरुत्वाकर्षण माप का उपयोग करके पृथ्वी की संरचना और गतिकी की जांच करते हैं।

  9. जियोकेमिस्ट्री (Geochemistry): पृथ्वी और इसकी चट्टानों और खनिजों की रासायनिक संरचना का अध्ययन। जियोकेमिस्ट्स पृथ्वी की पपड़ी, मेंटल और कोर में रासायनिक तत्वों और उनके समस्थानिकों के वितरण का अध्ययन करते हैं।

  10. वोल्कैनोलॉजी (Volcanology): ज्वालामुखियों, ज्वालामुखी प्रक्रियाओं और संबंधित घटनाओं का अध्ययन। वोल्कैनोलॉजिस्ट ज्वालामुखियों के निर्माण, विस्फोट और गतिविधि की जांच करते हैं ताकि अंतर्निहित भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को समझा जा सके।

  11. सीस्मोलॉजी (Seismology): जियोफिजिक्स की एक शाखा जो भूकंपों (earthquakes) और पृथ्वी के माध्यम से भूकंपीय तरंगों (seismic waves) के प्रसार का अध्ययन करती है। सीस्मोलॉजिस्ट पृथ्वी के आंतरिक भाग को समझने और भूकंप की गतिविधि की भविष्यवाणी करने के लिए भूकंपीय डेटा का विश्लेषण करते हैं।

  12. हाइड्रोजियोलॉजी (Hydrogeology): भूजल (groundwater) का अध्ययन, उसका वितरण, गति, और गुणवत्ता। हाइड्रोजियोलॉजिस्ट जलभृतों (aquifers), भूजल प्रवाह, और भूजल और सतह जल के बीच की बातचीत को समझने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

  13. पर्यावरण भूविज्ञान (Environmental Geology): मनुष्यों और भूवैज्ञानिक पर्यावरण के बीच की परस्पर क्रिया का अध्ययन। यह शाखा प्राकृतिक खतरों को समझने पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे भूकंप, भूस्खलन (landslides), और बाढ़ (floods), और प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रबंधन पर।

  14. प्लैनेटरी जियोलॉजी (Planetary Geology): अन्य ग्रहों और खगोलीय पिंडों पर भूवैज्ञानिक विशेषताओं और प्रक्रियाओं का अध्ययन। प्लैनेटरी जियोलॉजिस्ट अंतरिक्ष मिशनों और रिमोट सेंसिंग से प्राप्त डेटा का उपयोग करके ग्रहों, चंद्रमाओं, क्षुद्रग्रहों, और धूमकेतुओं के भूविज्ञान को समझते हैं।

इनमें से प्रत्येक शाखा हमारे ग्रह के जटिल प्रणालियों की समझ में योगदान करती है और प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरणीय चुनौतियों, और पृथ्वी के इतिहास के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है। 

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