सीमा स्थिति विधि (LSM) में संतुलित, अल्प-सुदृढ़, और अति-सुदृढ़ अनुभाग कैसे पहचानें
सीमा स्थिति विधि (LSM) में, किसी अनुभाग को संतुलित, अल्प-सुदृढ़, या अति-सुदृढ़ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि अंतिम सीमा स्थिति (ultimate limit state) में स्टील सुदृढ़ीकरण (steel reinforcement) और कंक्रीट (concrete) के महत्वपूर्ण विकृति मानों के बीच संबंध क्या है। यहाँ बताया गया है कि आप कैसे निर्धारित कर सकते हैं कि कोई अनुभाग संतुलित, अल्प-सुदृढ़, या अति-सुदृढ़ है:
1. संतुलित अनुभाग:
- स्थिति: किसी अनुभाग को संतुलित तब कहा जाता है जब स्टील सुदृढ़ीकरण में विकृति (strain) अपनी यील्ड विकृति (yield strain) (ε) तक पहुंचती है और साथ ही कंक्रीट अपनी क्रशिंग विकृति (crushing strain) (ε) तक पहुंचती है।
- विकृति प्रोफ़ाइल: संतुलित अनुभाग में, दोनों तन्य स्टील (tensile steel) और संपीड़न क्षेत्र (compression zone) में कंक्रीट का पूरा उपयोग होता है। अंतिम मोमेंट प्रतिरोध (ultimate moment resistance) तब विकसित होता है जब दोनों सामग्रियां अपनी-अपनी सीमा विकृतियों (limit strains) को एक साथ प्राप्त करती हैं।
- गणना: अनुभाग संतुलित होता है यदि तटस्थ अक्ष की गहराई (neutral axis depth) (x) उस विशिष्ट मान से मेल खाती है जहां कंक्रीट और स्टील दोनों अपनी अधिकतम अनुमेय विकृतियों (maximum permissible strains) तक पहुंचते हैं।
2. अल्प-सुदृढ़ अनुभाग:
- स्थिति: किसी अनुभाग को अल्प-सुदृढ़ तब कहा जाता है जब स्टील सुदृढ़ीकरण कंक्रीट के क्रशिंग विकृति तक पहुंचने से पहले अपनी यील्ड शक्ति (yield strength) तक पहुंचता है (ε ≥ ε) और कंक्रीट की विकृति क्रशिंग विकृति (ε < ε) तक नहीं पहुंचती।
- विकृति प्रोफ़ाइल: इस स्थिति में, तन्य स्टील पहले यील्ड होता है और कंक्रीट के क्रश होने से पहले महत्वपूर्ण विकृति होती है। यह विफलता लचीली (ductile) होती है, और बड़ी विकृतियों और दरारों जैसे चेतावनी संकेतों के साथ होती है।
- गणना: अनुभाग अल्प-सुदृढ़ होता है यदि तटस्थ अक्ष की गहराई (x) संतुलित तटस्थ अक्ष की गहराई (x) से कम हो। यहां, प्रदान की गई स्टील की प्रतिशतता संतुलित सुदृढ़ीकरण अनुपात (balanced reinforcement ratio) (p) से कम होती है।
3. अति-सुदृढ़ अनुभाग:
- स्थिति: किसी अनुभाग को अति-सुदृढ़ तब कहा जाता है जब कंक्रीट स्टील सुदृढ़ीकरण के यील्ड होने से पहले अपनी क्रशिंग विकृति (ε ≥ ε) तक पहुंचता है (ε < ε)। इसका मतलब है कि कंक्रीट संपीड़न में विफल हो जाता है जबकि स्टील अपनी अधिकतम शक्ति तक नहीं पहुंचता।
- विकृति प्रोफ़ाइल: अति-सुदृढ़ अनुभाग में, विफलता अचानक और बिना चेतावनी के होती है, क्योंकि कंक्रीट क्रश हो जाता है जबकि स्टील अभी भी अपने लचीले क्षेत्र में होता है। इस प्रकार की विफलता नाजुक (brittle) और खतरनाक होती है।
- गणना: अनुभाग अति-सुदृढ़ होता है यदि तटस्थ अक्ष की गहराई (x) संतुलित तटस्थ अक्ष की गहराई (x) से अधिक हो। यहां, प्रदान की गई स्टील की प्रतिशतता संतुलित सुदृढ़ीकरण अनुपात (p) से अधिक होती है।
अनुभाग के प्रकार का निर्धारण:
तटस्थ अक्ष की गहराई (x) की गणना: तटस्थ अक्ष की गहराई को झुकने के क्षण (bending moment) और सामग्री गुणों (जैसे कंक्रीट के लिए f और स्टील के लिए f) के आधार पर गणना की जाती है।
- यदि , तो अनुभाग अल्प-सुदृढ़ है।
- यदि , तो अनुभाग संतुलित है।
- यदि , तो अनुभाग अति-सुदृढ़ है।
स्टील सुदृढ़ीकरण अनुपात (p): स्टील सुदृढ़ीकरण अनुपात (p) की तुलना संतुलित सुदृढ़ीकरण अनुपात (p) से की जाती है।
- यदि , तो अनुभाग अल्प-सुदृढ़ है।
- यदि , तो अनुभाग संतुलित है।
- यदि , तो अनुभाग अति-सुदृढ़ है।
व्यावहारिक कार्यान्वयन:
सुरक्षित और लचीले अनुभाग को डिजाइन करने के लिए, इंजीनियर आमतौर पर व्यावहारिक रूप में एक अल्प-सुदृढ़ अनुभाग का चयन करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि संरचना विफलता से पहले पर्याप्त चेतावनी के संकेत दिखाएगी, जिससे आवश्यक हस्तक्षेप के लिए समय मिल सके।
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